आक्सीजन’’ की किल्लत को संभालने ’हाट सीट’ पर बैठे
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आक्सीजन’’ की किल्लत को संभालने ’हाट सीट’ पर बैठे मोदी
मध्यप्रदेश सहित विपदाग्रस्त 12 राज्यों के हालात को तुरंत संभालने के दिये निर्देश
-मुख्यमत्री शिवराज सिंह चैहान ने गुरूवार को ही की थी ’सीएमसी’ की बैठक
नई दिल्ली--कोरोनाकाॅल के दूसरे चरण में कोरोना वायरस के तेजी से फैलने और सैकड़ांे लोगों की रोजाना हो रही मौतों का संज्ञान लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हालात को संभालने के लिए आज ’’हाॅट सीट’’ पर बैठ गए और फिर इसके बाद मध्यप्रदेश सहित वर्तमान में विपदाग्रस्त 12 राज्यों के हालात का जायजा लिया। उन्होंने सम्बंधित अधिकारियों को ’’बिना बाधा’’ और ’’बिना रूकावट’’ के आक्सीजन की आपूर्ति करने के निर्देष अधिकारियों को दिये। इस दौरान यह बात भी सामने आई कि आने वाल 15 दिनांें में आक्सीजन की और अधिक आवश्यकता पड़ेगी। इसके लिए केेद्र के साथ ही राज्यों के अधिकारियों को हालात पर नजर रखने एवं हालात को नियंत्रित कर सुधारने की दहलीज तक ले जाने के लिए अपनी ’’आंखें और कान’’ 24 घंटे खुले रखने होंगे। ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश के हालात को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिह ने गुरूवार को ही ’’क्राइस मैनेजमेंट कमेटी’’ की बैठक में आक्सीजन की कमी पर बातचीत की थी।
पश्चिम बंगाल सहित पांच राज्यों में चल रहे विधानसभा चुनावों के प्रचार के बीच 12 राज्यों क्रमशः महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में कोरोना से जुड़ी बीमारियों और अन्य हालात के मद्देनजर हो रही मौतो और मचते हाहाकार को संभाल कर नियंत्रित करने की दिशा में श्री मोदी ने आज की यह बैठक आहूत की जिसमें उन्होंनेें पर्याप्त मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए व्यापक स्तर पर अधिकारियों के साथ मंत्रणा की। की। प्रधानमंत्री के साथ स्वास्थ्य, डीपीआईआईटी, इस्पात, सड़क परिवहन आदि जैसे मंत्रालयों से प्राप्त जाकारी भी साझा की गई। श्री मोदी ने साफ कहा कि मंत्रालयों और राज्य सरकारों के बीच तालमेल सुनिश्चित करना इस वक्त समय की आवश्यकता के क्रम में महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री को इन राज्यों में जिला स्तर की स्थिति की जानकारी दी गई।
प्रधानमंत्री को बताया गया कि केंद्र और राज्य वर्तमान हालात को लेकर नियमित संपर्क में हैं और अनुमानित मांग 20 अप्रैल, 25 अप्रैल और 30 अप्रैल को राज्यों के साथ साझा की गई है। तदनुसार इन तारीखों को अपनी अनुमानित मांग को पूरा करने के लिए इन 12 राज्यों को क्रमशः 4,880 मीट्रिक टन, 5,619 मीट्रिक टन और 6,593 मीट्रिक टन ऑक्घ्सीजन आवंटित की गई है।
प्रधानमंत्री को बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए देश की उत्पादन क्षमता के बारे में जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री ने प्रत्येक संयंत्र की क्षमता के अनुसार ऑक्सीजन उत्पादन बढ़ाने का सुझाव दिया। यह चर्चा की गई कि स्टील संयंत्रों में ऑक्सीजन की आपूर्ति के अधिशेष स्टॉक की चिकित्सा उपयोग के लिए पेशकश की जा रही है।
पीआईबी के अनुसार प्रधानमंत्री ने अधिकारियों से पूरे देश में ऑक्सीजन ले जाने वाले टैंकरों की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सरकार ने ऑक्सीजन टैंकरों की हर प्रकार की अंतरराज्यीय आवाजाही को परमिट के पंजीकरण से छूट दी है ताकि वे आसानी से आ-जा सकें। प्रधानमंत्री को सूचित किया गया कि राज्यों और ट्रांसपोर्टरों से कहा गया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि शिफ्टों में काम करने वाले ड्राइवरों के साथ टैंकर चैबीस घंटे चलें ताकि वे तेजी से अपने-अपने गंतव्य तक पहुंच सकें और मांग में वृद्धि को पूरा करने के लिए पर्याप्त क्षमता सुनिश्चित की जा सके।
सिलेंडर भरने वाले संयंत्रों को भी आवश्यक सुरक्षा उपायों के साथ 24 घंटे काम करने की अनुमति दी जाएगी। सरकार औद्योगिक सिलेंडरों को उचित शुद्धिकरण के बाद चिकित्सा ऑक्सीजन के लिए उपयोग करने की अनुमति दे रही है। इसी तरह टैंकरों की संभावित कमी को दूर करने के लिए नाइट्रोजन और आर्गन टैंकरों को स्वचालित रूप से ऑक्सीजन टैंकरों में परिवर्तित करने की अनुमति दी जाएगी।
अधिकारियों ने मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन आयात करने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में भी प्रधानमंत्री को जानकारी दी।
(UPDATED ON 16TH APRILL 2021)
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