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’’भगवान’’ ने लगाई आवाज-मोदीजी! ’’नेताओं’’ से बचाओ
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’’भगवान’’ ने लगाई आवाज-मोदीजी! ’’नेताओं’’ से बचाओ
नई दिल्ली/भोपाल। चिकित्सकों को आज भी ’’भगवान’’ का दर्जा उन परिवारों द्वारा दिया जाता है जिनके किसी ’’मरीज परिजन’’ को चिकित्सक जीवन दे देते हैं। लेकिन जिन मरीजों को चिकित्सक बचा नहीं पाते उनके परिजन सम्बंधित चिकित्सक को किसी ’यमराज’ से कम नहीं मानते हैं। इस वक्त कोरोनाकाॅल के बीच सरकारी और निजी अस्पतालों में जीवन की आस लिये पहुंचने वाले कुछ बदहवास परिजनों द्वारा चिकित्सकों के साथ की जा रही मारपीट, अभद्रता और तोड़फोड़ से गुस्साएं चिकित्सकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखकर अस्पतालों में ’’वीआईपी’’ कल्चर को समाप्त करने की अपील की है। विशेषकर सरकारी अस्पतालांे में। प्रधानमंत्री के साथ ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह से भी राजनेताओं से स्वयं को बचाने की अपील की गई है।
बीते दिनों में जिस तेजी के साथ कोरोना का कहर मध्यप्रदेश और अन्य राज्यों में लोगों पर टूट रहा है उसके मद्देनजर भयाक्रांत मरीज और उनके परिजनों का सैलाब निजी और सरकारी अस्पतालों में उमड़ पड़ा है। किसी को वैक्सीन नहीं मिल रही है तो किसी को रेमडेसिविर का इंजेक्शन। हालांकि सरकार कह रही है कि हालात सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन मरीज हाथों में नोटों की गड्डियां रखने के बावजूद अपने सगे-संबंधी को उचित इलाज नहीं दिला पा रहे हैं। अस्पतालों में बेड भी खाली नहीं हैं और जो तस्वीरें तथा रिपोर्ट्स आ रही हैं वो हालात की सच्चाई को बयां भी कर रहीं हैं। लेकिन इनके बीच ही कुछ मरीजों की मौत के कारण उनके परिजनों का गुस्सा सम्बंधित अस्पताल और चिकित्सकों पर बरस रहा है। इन अस्पतालों के चिकित्सकों का कहना है कि वो अपनी ओर से वर्तमान हालात में मरीजों को संभालने का पूरा प्रयास कर रहे हैं लेकिन वीआईपी कल्चर ने भी हालात को बदतर बनाने में अपना योगदान दिया है और इनमें विशेषकर ’’नेता’’ शामिल हैं।
फेडरेशन आॅफ आल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन के प्रेसीडेंट डा.राकेश बागडी, वाइस प्रेसीडेंट अमरनाथ यादव तथा महासचिव डा.सुब्रंकर दत्ता ने प्रधानमंत्री मोदी को आज गुहार लगाई और एक पत्र लिखा जिसमें कहा कि जब अस्पतालों में बेड ही नहीं हैं तो मरीजों को कहां भर्ती करें? इसी प्रकार हम सामान्य मरीजों की भीड़ को संभाले या वीआईपी कल्चर वाले नेता बनाम मरीजों को संभाले। उन्होंने कहा कि हालात बदतर हैं जिन्हें संभालने के लिए आपको हस्तक्षेप करने की आवश्यकता है। इस ’’वीआईपी कल्चर’’ पर ध्यान दीजिए। हमें सामान्य जनता रूपी मरीजों की मदद करने दीजिए। इसी प्रकार कई मरीजरूपी राजनेता तो सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों को अपने निवास पर ही बुलवाते हैं जिससे अस्पतालों में चिकित्सकों का टोटा बना रहता है। इस पत्र में राजनेताओं और उनका जयकारा लगाने वाले कार्यकर्ताओं के साथ ही वरिष्ठ ब्यूरोक्रेट्स का भी जिक्र किया गया है।
इन चिकित्सकों के अलावा चिकित्सकों की एसासिएशन फैइमा के डा. अमरनाथ यादव और डा. मनीष जांगड़ा ने वीआईपी कल्चर को अस्पतालों में समाप्त करने को कहा तो वहीं आईएमए के मध्यप्रदेश अध्यक्ष डा. अनूप निगम ने भी चिकित्सकों के साथ नेताओं की अभद्रता को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिह को पत्र लिखकर अपनी नाखुशी व्यक्त की है।
(UPDATED ON 14TH APRIL 2021)
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